
गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के बारे मे एक अमेरिकी सर्वेक्षण संस्था ने भविष्य का प्रधानमंत्री क्या कह दिया, नरेन्द्रभाई खुद को दिल्ली स्थित ७ रेस कोर्स का हकदार मान बैठे. अपनी कद काठी को राष्ट्रीय दर्जा देने के लिए वो तीन दिन के उपवास पर बैठे हैं।नरेंद्रभाई के इस कदम ने पूरे देश के नेताओं को हिला कर रख दिया है. गैर तो गैर, अपनों ने भी उनकों निशाने पर ले लिया है. मोदी के उपवास को लेकर पक्ष - विपक्ष मे बयानबाजी का जोरदार सिलसिला शुरू है। कांग्रेस की तरफ से तो इसका विरोध होना लाजिमी है, एनडीए के नेता भी मोदी के व्रत का मजाक उड़ाने से नहीं चूक रहे हैं । शुरुआत मे जिन लोगों ने समर्थन किया था, वो भी अब सफाई देने लगे हैं.
दिल्ली मे सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां मोदी के उपवास को एक स्टंट करार दिया है, वहीं लालकृष्ण आडवाणी और अरुण जेटली सहित कई वरिष्ठ बीजेपी नेता खुद उन्हें समर्थन देने पहुंचे. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने अपने प्रतिनिधि भेज मोदी के को समर्थन दिया है. पंजाब के मुख्यमं त्रीप्रकाश सिंह बादल भी मोदी के उपवास स्थल पर हाजिरी लगाते देखे गए, लेकिन बीजेपी कि सबसे बड़ी सहयोगी जेडी (यू ) ने इसको कोई ख़ास तवज्जो नहीं दी है. बल्कि जद अध्यक्ष शरद यादव ने इस मामले मे नरेन्द्रभाई का मजाक ही उड़ाया है. यादव के अनुसार ' देश के ज्यादातर लोगो को रोज उपवास करना पड़ता है लेकिन उनकी खबर तक कोई नहीं लेता। कुछ खास लोगो के उपवासों की ही चर्चा होती है। '
इस मामले मे जयललिता ने भी अपने समर्थन को सीमित करते हुए कहा कि इसका ज्यादा मतलब न निकाला जाए। उन्होंने कहा कि मोदी ने उन्हें फोन करके समर्थन देने की माग की थी। । उन्होंने साफ किया कि मोदी के उपवास का समर्थन करने का मतलब पीएम पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं है। जद यू द्वारा मोदी को समर्थन ना दिया जाना, कोई नै बात नही है. बिहार विधान सभा चुनाव मे भी मोदी को भाजपा का प्रचार करने से रोका गया था. एक बात यह भी राजनैतिक गलियारे मे चर्चा का विषय बनी हुई है कि क्या लालकृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री के रूप मे नरेन्द्रभाई को पचा पायेगे. अन्ना हजारे के आन्दोलन के बाद कांग्रेस के खिलाफ बनी हवा मे आडवाणी को लगाने लगा है कि अब पुनः बीजेपी केंद्र की सत्ता मे आ जायेगी. इसीलिये आडवाणी एक बार फिर से रथयात्रा पर निकालने वाले हैं. वर्षों से पीएम बनने का ख्वाब देख रहे आडवानी आखिर क्यू मोदी का दिल से समर्थन करेगे.ऐसे हालत मे नरेंद्र भाई की राह मे कांटे ही कांटे ही दिख रहे है.
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