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शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

प्रभाषजी की आत्मा को अशांत करती एक श्रद्धांजलि




मुंबई में भारतीय हिंदी पत्रकारिता के शिखर पुरुष स्व. प्रभाष जोशी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने 'हंस अकेला उड़ गया... नाम से कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो इस समय पत्रकारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण है, प्रभाष जी जिस पैकेज पत्रकारिता का जीवनभर विरोध करते रहे, श्रद्धांजलि सभा का आयोजन उन्हीं लोगों द्वारा किया गया था जो इस काले धंधे में सर से पैर तक लिप्त हैं। प्रेस क्लब ऑफ मुंबई में हुए इस कार्यक्रम में प्रभाष जी को श्रद्धांजलि देते हुए आईबीएन लोकमत के संपादक निखिल वागले ने कहा कि प्रभाषजी को हमारे समय के नायक के रूप में याद किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए 'नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि प्रभाष जोशी ने भारतीय पत्रकारिता को मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों का एक ऐसा नया स्वरूप दिया, जो बहुत ही प्रखर साबित हुआ। नवभारत टाइम्स के संपादक शचींद्र त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकारिता को नई सोच, नया अंदाज और नए तेवर देने वाले नायक के रूप में प्रभाषजी को याद किया। गुजराती दैनिक जन्मभूमि के संपादक कुंदन व्यास ने कहा कि प्रभाष जोशी ने मूल अंग्रेजी के पत्रकार होते हुए भी सभी भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता का नाम रोशन किया। 'नूतन सवेरा के संपादक नंदकिशोर नोटियाल ने प्रभाषजी को अन्याय विरोधी पत्रकार बताया। 'दोपहर का सामना के संपादक प्रेम शुक्ल ने कहा कि पतनोन्मुख पत्रकारिता के युग में भी प्रभाषजी पैकेज पत्रकारिता के विरोध में चमकते सूरज की तरह खड़े दिखाई दिए। इसके अलावा मराठी महानगर के संपादक युवराज मोहिते, टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार नाडकर्णी, स्वतंत्र पत्रकार जतिन देसाई, प्रेस क्लब मुंबई की सेक्रेटरी स्वाति देशपांडे, दैनिक भास्कर के इंदर जैन, वरिष्ठ पत्रकार अनुराग त्रिपाठी, राकेश दुबे, सुमन सारस्वत, नई दुनिया के चंद्रकांत शिंदे, गोपाल शर्मा, फोकस टीवी के हरिगोविंद विश्वकर्मा, अमरजीत मिश्र, सहित दैनिक जागरण के ओम प्रकाश तिवारी, नवभारत टाइम्स के सिटी एटडीटर विमल मिश्र के अलावा करीब डेढ़ सौ से भी ज्यादा लोगों ने प्रभाषजी को श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम पर इसलिए मुंबई में चर्चा छिड़ गई है कि कार्यक्रम आयोजकों में नभाटा के अनुराग त्रिपाठी के अलावा पूर्व पत्रकार राकेश दुबे एवं निरंजन परिहार रहे। अब सवाल यह उठता है कि जिस पैकेज पत्रकारिता के विरोध में प्रभाषजी आखिरी दम तक लड़ते रहे। अदालत जाने तक की तैयारी कर चुके थे। उनकी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन उस निरंजन परिहार ने किया, जो विधानसभा चुनावों में मलबार हिल से भाजपा प्रत्याशी का पैकेज करवाने सभी अखबारों व चैनलों के दफ्तर पहुंचे। खबरों के खिलाड़ी परिहार ने समाचारों का जाल बुनकर न सिर्फ लोढ़ा को जिताया, बल्कि खुद को मुंबई का सबसे बड़ा पैकेज मैन साबित कर दिया। अब वही परिहार प्रभाषजी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। खास बात तो यह कि कार्यक्रम के प्रेसनोट में तमाम छोटे-मोटे अखबारों के पत्रकारों व संपादकों की उपस्थिति का उल्लेख हुआ, मगर इन महाशय को जिस दैनिक अखबार ने मारवाड़ी समाज में एक संपादक के रूप में हैंसियत बख्शी, उसका नाम लेना भी भूल गए। क्या बात है....

यहाँ भी देखें यह आलेख
http://www.visfot.com/media/complane-box/3395.html



6 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार ने कहा…

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य
टिप्पणियां भी करें

KK Mishra of Manhan ने कहा…

श्रद्धाजंली

Vishnoi Dhaka Op ने कहा…

arun ji
.aajkaal ulti ganga baha rhi hai ,........
....

आईना ने कहा…

इस रहस्योघाटन के बाद निश्चित तौर मुंबई के पे्रस क्लब में आयोजित प्रभाष जी की श्रद्धांजलि सभा ''उड़ जा हंस अकेला...ÓÓ के मूल निहितार्थों को ठेस पहुची है। क्योकि प्रभाषजी जिस पतनोन्मुख पत्रकारिता के खिलाफ ताउम्र लड़ते रहे, उनकी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन उसी पतनोन्मुखी पत्रकारिता के पोषक व्यक्ति द्वारा किया गया।
रही बात निरंजन परिहार द्वारा प्रात: काल का उल्लेख न करने का तो इसकी शुरूआत प्रात: काल ने की। मुंबई में प्रकाशित सभी समाचार पत्रों में जहां श्रद्धांजलि सभा के आयोजक के रूप में तीन नामों का जिक्र किया। वहीं प्रात: काल में 11 नवम्बर को प्रकाशित खबर में अपने पूर्व संपादक का ही नाम नजरअंदाज कर दिया गया। क्यो?

Unknown ने कहा…

chunavi package galat hai. iisaka virodh hona chahiye. prabhashji bahute hi nek,srijanshil patrakar the. patrakarita ko unhone nayi disha di hai. prabhashji ke kami patrakarita jagat hamesha mahsus karega. lekin unke nidhan par package men lipt rahane wale jis tarah ghadiyale aasu baha rahe hai , vo nindaniya hai.R.B.Yadav

Meraj Ahmad ने कहा…

नये तथ्यों और सत्त्यों के साथ इस असीम विस्तार में आप का स्वागत है।


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