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शनिवार, 20 नवंबर 2010

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल : नई बोतल में पुरानी शराब


महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सत्ता सभालने के बाद कहा था कि वो कुछ नया करने की सोच रहे है, मगर कल के शपथ ग्रहण के बाद उनके उस दावे की हवा निकलती हुई दिखाई दी. चूकि पृथ्वीराज सोनिया के दरबार से ताल्लुक रखते है, इसलिए यह माना जाने लगा था कि वो बिना किसी दबाव के काम करेगे और विवादास्पद नेताओं को मंत्रिमंडल से दूर ही रखेगे. उनके कैबिनेट के शपथ ग्रहण में जिन मंत्रियो ने भारतीय संविधान के तहत काम करने की कसमे खाई, उनमे से कइयो को संविधान की धज्जिया उड़ाते हुए कई बार देखा गया है. शिवसेना से कांग्रेस में आये और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर रखने वाले नारायण राणे फिर लालबत्ती पाने में कामयाब रहे. जबकि उम्मीद लगाईं गई थी की इस बार उनको पैदल किया जाएगा. हाल ही में राणे द्वारा अपनी बीवी मीना के नाम पर एक धार्मिक ट्रस्ट की जमीन हथियाने का मामला प्रकाश में आया था. तभी से यह चर्चा शुरू हुई थी कि इस बार राणे लालबत्ती से वंचित रह जाएगे, लेकिन आखिरी दम पर उन्होंने शपथ ग्रहण कर ही लिया. राणे के राजस्व मंत्री रहते पूरे प्रदेश में भारी पैमाने पर भूखंडो की बन्दरबाट हुई है. इसके बावजूद पृथ्वीराज की आखिर कौन सी मजबूरी थी कि उन्होंने राणे को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया. ये बात दीगर है कि राणे को राजस्व की जगह उद्योग मंत्री बनाया गया है. हमेशा विवादों में रहने वाले नितिन राउत के भी पैदल होने की खबर थी, लेकिन राउत ने भी शपथ लेकर सभी चौका दिया. जिन लोगो को लेकर अशोक चव्हाण ने महा घोटालो की सरकार चलाई, पृथ्वीराज के साथ भी वही लोग नजर आ रहे है. अशोकराव की टीम में से बहुत कम ही बदलाव कर पाए है नए सीएम. जिन लोगो का ओहदा छिनने की चर्चा थी, उनमे नारायण राणे तो थे ही, साथ ही शिवाजी मोघे ,नितिन राऊत, राजेंद्र दर्डा, राधाकृष्ण विखे पाटिल के नाम थे. मगर इन पुराने खिलाडियों ने फिर से मंत्रालय में केबिन हासिल कर ली है. पृथ्वीराज ने शायद ऐसा इसलिए किया है कि अपने कार्यकाल को वो निष्कंटक पूरा करना चाह रहे है. बात जो भी हो, लेकिन राजनैतिक बदलाव के दावे ठोकने वाले पृथ्वीराज की इस टीम के बारे में यही कहा जा रहा कि ये तो नई बोतल में वही पुरानी वाली शराब है, जो विलासराव से लेकर अशोकराव तक परोसते आये है.

1 टिप्पणी:

Ghulam Kundanam ने कहा…

Rajniti ko ghate ka sauda banaye bina sudhar sambhav nahi hai.